प्रभा खेतान फाउंडेशन के ऑनलाइन कार्यक्रम में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की पत्नी चेरी ब्लेयर ने मोहिनी केंट द्वारा लिखी पुस्तक “प्रिय मां” को किया लॉन्च

12 नवंबर, 2020, कोलकाता / लंदन: प्रभा खेतान फाउंडेशन, कोलकाता की तरफ से स्वाति अग्रवाल के तत्वाधान में आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में जीवन में स्नेहमयी माताओं के प्यार एवं योगदान पर लिखी पुस्तक “प्रिय मां” को ऑनलाइन लॉन्च किया गया। इस पुस्तक में आध्यात्मिक गुरुओं, ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों, राजनीतिक नेता, शाही परिवारों के सदस्य, अभिनेता, उद्यमी, पत्रकार, फोटोग्राफर और डॉक्टरों ने मां के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है।

श्री सीमेंट द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन कार्यक्रम ‘किताब’ में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की पत्नी चेरी ब्लेयर, ब्रिटिश बैरिस्टर, लेखक और महिलाओं के अधिकार के लिए काम करनेवाली एक सामाजित कार्यकर्ता ने इस पुस्तक को औपचारिक रूप से ऑनलाइन लॉन्च किया।

इस मौके पर विश्वभर से सैकड़ों आमंत्रित विशिष्ठ लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरानचेरी ब्लेयर नेइस पुस्तक की लेखिका और लिली अगेंस्ट नामक एक धर्मार्थ संगठन जो मानव और बाल तस्करी के रुप में व्यापार के खिलाफ काम करता है, इसकी संस्थापक चेयरपर्सन मोहिनी केंट के साथ घंटों अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

इस पुस्तक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संदेश लिखा। इसके अलावा तिब्बती धर्मगुरू महामहिम दलाई लामा, चेरी ब्लेयर, सर क्लिफ रिचर्ड, जीपी हिंदुजा, श्री एम, किरण मजूमदार शॉ, अरशद वारसी, डॉ. करण सिंह, सर मार्क टली, शर्मिला टैगोर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा, संदीप भूतोरिया, लॉर्ड पारेख, केपी सिंह और अन्य प्रतिष्ठित इन हस्तियों के साथ-साथ आम नागरिकों ने अपनी माताओं को समर्पित पत्र लिखकर इस पुस्तक मां के योगदान को व्यक्त किया है, इसके साथ इस पुस्तक के लिए विशेष रूप से मोहिनी केंट की व्यक्तिगत सराहना की है।

‘प्रभा खेतान फाउंडेशन के ट्रस्टी संदीप भूतोरिया ने कहा: हमारी इस संस्था द्वारा ‘प्रिय मां’ पुस्तक के अनावरण की मेजबानी करना हमारे लिए एक बड़ा सम्मान है, जो अपनीमांके लिए भेजे गये पत्रों का एक शानदार संग्रह है। यह पुस्तक अपनी मां के प्रति प्यार, भावना, करुणा और प्रेरणा की गहरी भावनाओं को उजागर करता है। लंदन में एक कार्यक्रम में मार्च 2020 महीने में ही इसे औपचारिक तौर पर लॉन्च करने की बात थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। इस पुस्तक के लिए मेरी स्वर्गीय मां को पत्र लिखना मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर बहुत ही मार्मिक अनुभव था।

मां बच्चों की पहली गुरु और मार्गदर्शक होती है। महात्मा गांधी, आइंस्टीन, अब्राहम लिंकन, बुद्ध और अन्य पर अपनी माताओं का कर्ज है। यहां तक कि एचआरएच प्रिंस चार्ल्स ने भी महारानी को उनके मैस्टीज डायमंड जयंती समारोह में उन्होंने ‘मम्मी’कहकर संबोधित किया। इनके बीचइस पुस्तक में मौजूद कुछ बेटियों के पत्र में माताओं द्वारा उन्हें धोखा देने का दर्द छिपा है। कुछ माताओंने अपनी बेटियों को दास के रूप में बेच दिया, इस पुस्तक में उन लड़कियों द्वारा भेजे गये पत्र में दिल टूटने, मन में हुए गहरे जख्म, हानि और विश्वासघात का दर्द बेटियों ने बयां किया है।

मोहिनी केंट ने अपनी चैरिटी संस्था, लिली अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग की सहायता के लिए यह पुस्तक लिखी है। यह पुस्तक फ्लिपकार्ट और अमेज़न इंडिया पर ऑनलाइन उपलब्ध है और इससे होनेवाली आमदनी का पूरा हिस्सा मानव तस्करी के खिलाफ काम कर रही इस संस्था को दिया जायेगा।

चेरी ब्लेयर एक मानवाधिकार वकील, एशियन यूनिवर्सिटी फॉर वुमेन की चांसलर हैं। इसके अलावा वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की गवर्नर और ओमनिया रणनीति एलएलपी की एक संस्थापक सदस्य भी रह चुकी हैं, जो महिलाओं की संस्था चेरी ब्लेयर फाउंडेशन द्वारा विकासशील देशों में महिला उद्यमियों का समर्थन करती है।

लेडी मोहिनी केंट नून एक मशहूर लेखक, फिल्म निर्माता, चैरिटी कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह लिली अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग की फाउंडर चेयरपर्सन हैं, और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के ब्रिटेन में वैश्विक दूत है। वह कई पुस्तकों की लेखक हैं, जिनमें ब्लैक ताज, एक उपन्यास और नागार्जुन: द सेकेंड बुद्धा शामिल हैं। उन्होंने फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों को लिखा और निर्देशित किया है, और सर बेन किंग्सले के साथ काम किया है। उनके मंच नाटकों में रूमी: द अनविल द सन शामिल हैं। वह यूके में आध्यात्मिक शिक्षण पर्यटन कार्यक्रम का भी आयोजित करती है।

पुस्तक प्रिय मां के कुछ चुनिंदे अंश :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: “मां प्रेरणा का सदा-समृद्ध वसंत है और सभी चुनौतियों को पार करने की हमारी ताकत है।”

एचएच दलाई लामा: “मेरी मां मेरी करुणा की पहली शिक्षिका थीं। अपनी माताओं से स्नेह प्राप्त करनेवाले बच्चे ही अपने वयस्क जीवन में बहुत अधिक आंतरिक शांति रखते हैं।”

चेरी ब्लेयर: “वकालत के बाद जब मुझे 1976 में बार संगठन में बुलाया गया, तो आप मेरी उपलब्धि का हिस्सा बनने वाले एकमात्र माता-पिता थे। मैं चाहतीथी कि मेरी इस उपलब्धि को आप स्वीकार करें।”

सर क्लिफ रिचर्ड: “मृत्यु कभी उचित नहीं होती। आपने हमें जीवन दिया, मुझे, डोना, जैकी और फिर जोन को आपके लिए जिंदगी नसीब हुई, लेकिन मौत ने आपको हमसे दूर कर दिया हालांकि वह हमारे मन में कैद आपकी यादों को हमसे नहीं छीन सका।”

जीपी हिंदुजा: “यह कहा जाता है कि भगवान ने माताओं को बनाया क्योंकि वह हर जगह नहीं हो सकते थे।”

शर्मिला टैगोर: “मौत तुम्हें हमसे दूर ले गई। इसके पहले मैं आपको कभी नहीं बता सकी कि मैंने चुटकुलों के जरिये आपकी पाक कला और आपकी प्रतिभा की कितनी सराहना की।”

योगी श्री एम: “मैं मेरी माँ से क्षमा मांगता हूं जब उसका प्यारा बेटा हिमालय भाग गया। जब वर्षों बाद जब मैं एक योगी बनकर वापस आया, तो मेरी मां ने मेरा स्वागत किया। केवल एक मां ही ऐसा कर सकती है।

‘प्रिय मां’ पुस्तक की बिक्री से होनेवाली आमदनी बालिकाओं की मदद के लिए खर्च की जाएगी।”

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